हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa Lyrics - Danish Akhtar | Gaurav Bhardwaj
in Album Songs
Watch the Video
Song Information
हनुमान चालीसा hanuman chalisa song is sung by Danish Akhtar and Gaurav Bhardwaj. Record label of this song is T-Series. This song is written by Goswami Tulsidas. This song was released on 09 Oct 2024.
Lyrics
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमन मुकुरु सुधारिबरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायक फल चारिबुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमारबल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकारजय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागरजय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागरराम दूत अतुलित बल धामा अंजनि-पुत्र पवनसुत नामामहाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगीकंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुण्डल कुँचित केसाहाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे कांधे मूंज जनेउ साजेशंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जग वंदनबिद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुरप्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसियासूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावाभीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज संवारेलाय सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लायेरघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाईसहस बदन तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैंसनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसाजम कुबेर दिगपाल जहां ते कबि कोबिद कहि सके कहां तेतुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हातुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेश्वर भए सब जग जानाजुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानू
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं जलधि लांघि गये अचरज नाहींदुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेतेराम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारेसब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रच्छक काहू को डर नाआपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हांक तें कांपैभूत पिसाच निकट नहिं आवै महाबीर जब नाम सुनावैनासै रोग हरे सब पीरा जपत निरन्तर हनुमत बीरासंकट तें हनुमान छुड़ावै मन क्रम बचन ध्यान जो लावैसब पर राम तपस्वी राजा तिन के काज सकल तुम साजाऔर मनोरथ जो कोई लावै सोई अमित जीवन फल पावैचारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारासाधु संत के तुम रखवारे असुर निकन्दन राम दुलारेअष्टसिद्धि नौ निधि के दाता अस बर दीन जानकी माताराम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासातुह्मरे भजन राम को पावै जनम जनम के दुख बिसरावैअंत काल रघुबर पुर जाई जहां जन्म हरिभक्त कहाईऔर देवता चित्त न धरई हनुमत सेइ सर्ब सुख करईसङ्कट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीराजय जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाईंजो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बन्दि महा सुख होईजो यह पढ़ै हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसातुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय महं डेरापवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूपराम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप